हमेशा से विवादों में रहने वाला आरा का सदर अस्पताल एक बार फिर स्वालों के घेरे में । मामला उस वक्त का है जब शनिवार देर शाम आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर पोस्टमार्टम कर रहे थे , बताते चलें कि इस दौरान जब डॉक्टर अपने चैंबर में नही थे तो अस्पताल में मौजूद नर्सिंग स्टाफ द्वारा डॉक्टर के चेयर पर बैठ मरीजों को दावा लिखा जा रहा था।अब सवाल ये उठता है क्या कोई नर्सिंग स्टाफ दवा पर्ची पर लिख सकता है। इस बारे में जब हमने अस्पताल प्रबंधक कौशल दुबे को फोन किया गया तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर के सिवा कोई डॉक्टर के चेयर पर बैठ इमरजेंसी में दवा नही लिख सकता है।वहीं अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है इस पर कार्यवाही की जाएगी।
अब सवाल ये भी उठता है क्या इमरजेंसी वार्ड में ऐसी गलती या लापरवाही सही है , क्योंकि एसी लापरवाही से और गलत दवा लिखने से किसी की मौत भी हो सकती है।
वही जब इस मामले में हमने ऑन ड्यूटी डॉक्टर से बात की तो उन्होंने बताया ये बिलकुल गलत है और ऐसी लापरवाही से अस्पताल का छवि खराब हो सकता है लेकिन कभी कभी पैसेंट पैनिक न हो इस वजह से नर्सिंग स्टाफ बैठ जाते है जो बिल्कुल गलत है।
अब सवाल ये भी की लगभग 32 लाख के आबादी वाले जिला का एकमात्र सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में सिर्फ एक डॉक्टर की ड्यूटी क्यों।
अब देखना ये होगा की सदर अस्पताल प्रशासन इस मामले पर क्या कार्यवाही करती है।